Thursday, June 10, 2010

मौन की बातें

जब अकेलापन सताता है...तब इंसान एक दोस्त की तलाश करता है...जिसके साथ अपने दिल की बातें बाँट सके...खुलकर हंस ले...जी भरकर रो ले...मेरे मामले में कुछ अलग हुआ..मुझे दोस्त तो मिला,लेकिन कोई हाड-मांस वाला नहीं...बल्कि एक मशीन...और उसकी आत्मा...इन्टरनेट ...जो मुझे हर जानकारी उपलब्ध कराता है...मेरे कई-कई दिन उससे नहीं मिलने पर भी वो कोई सवाल नहीं करता....नाराज़ नहीं होता....मैं उससे अपनी खुशियाँ और ग़म बाँट लेती हूँ ....भले ही वो मेरी ख़ुशी पर न हँसे और ग़मों पर अपना कोई कन्धा न दे सके...फिर भी उसकी दोस्ती में एक अजीब सा प्रेम है...अपनापन है...मैं जानती हूँ कि उसे मेरी कोई बात अच्छी न भी लगे तो वो कुछ नहीं कहेगा....मुँह पर भी नहीं और पीठ पीछे भी नहीं.....मैं भी उसके लिए अपनी ख़ुशी और ग़म के कुछ हिस्से रखती हूँ...जब ख़ुशी होती है तो ख़ुशी ग़म हो तो ग़म....उसे अपना हिस्सा लेना पड़ता है....वो भले ही न कहे फिर भी मुझे पता है....वो मेरी ख़ुशी के विचारों से खुश और दुखी विचारों से दुखी होता है..

कितनी अजीब होती है ये दोस्ती...वैसे व्यक्ति अपने दोस्तों के साथ खुश तो होता है...पर कभी-कभी समय भी बर्बाद करने लगता है...इस बात का पता चलते ही वो दोस्तों को बिलकुल भूलकर अपने लक्ष्य को तलाशने लगता है......और लक्ष्य की इसी राह में एक न एक दिन उसकी मुलाकात होती है....मौन से........ये मौन भी अच्छे व्यक्तित्व का धनी है...अक्सर अपने नाम के विपरीत मुखर होकर बहुत कुछ कह जाता है.....और व्यक्ति को सोच मे ड़ाल देता है...इसकी बातें अक्सर अंतर्मन से ही होती हैं...आपस में गहरी दोस्ती जो है...ये अक्सर मिलते नहीं,लेकिन जब भी मिलते हैं...काफी दिनों तक साथ रहते हैं...और अगर इनकी बातों पर गौर करो,तो बहुत काम की बातें करते हैं.....ये मौन ही भटकते मन को रास्ता दिखाता है....मन की उद्विग्नता को शांत करने वाला ये मौन जब टूटता है...तो मुँह से निकलने वाले हर शब्द जैसे हीरे से भी अनमोल हो जाते हैं....मन निर्मल और मष्तिष्क शांत....एक बार मौन से मुलाकात हो गई....तो वो हमेशा याद रखता है...और आवश्यकता पड़ने पर मुखर जिव्हा को अचानक अपना लेता है..........

मौन के इन्ही गुंणों से आजकल मुलाकात चल रही है......मैं इसे जाने नहीं देना चाहती......देखूं कितने दिन इसे मेरी मेहमाननवाजी पसंद आती है......मौन से बातें करने का अनुभव इतना प्यारा होगा.....सोचा ना था....