आजकल आई.पी.एल. विवाद ज़ोरों पर है...........जाने कितने ही लोग इन सब के पीछे हैं..........जो कुछ दिनों में सामने आ जायेंगे और कितने ऐसे हैं,जो सामने नहीं आयेंगे....अपनी ताकत के बल पर या यूँ कहें की अपने ऊँचे कनेक्शन की वजह से....
हम सभी अक्सर भ्रष्टाचार की बातें करते हैं....लेकिन अगर हम ध्यान दें तो कहीं न कहीं हम सभी छोटे या बड़े पैमाने पर इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं...........जब भी हम किसी ऑटो वाले को ३ से ज्यादा सवारी बिठाने के लिए कहते हैं...या हम उसे कुछ ज्यादा पैसे लेकर ऐसा करने के लिए कहते हैं.....किसी ट्रेफिक पुलिस को १०० का नोट देकर बात को वहीँ रफा-दफा करते हैं.....इसमें जितना दोष ट्रैफिक पुलिस का है उतना ही हमारा भी.........बच्चों के एडमिशन के लिए डोनेशन देते हैं........कुछ लोग तो पैसे देकर परीक्षा के पहले प्रश्नपत्र खरीद लेते हैं या नक़ल करवाते हैं...यहाँ तक की कई बार पेपर चेकिंग पर भी पैसे देकर हेर-फेर किया जाता है......पैसे देकर पास करवाना,नौकरी हासिल करना...ये बातें जो कभी-कभी छोटी लगती है...वही मिलकर देश के भ्रष्टाचार को कई गुना बढ़ा देती है...........हम सभी सरकार को भ्रष्टाचार रोकने का कोई उपाय न करने की दुहाई देते हैं...और ऐसा किसी न किसी दिन होने की कल्पना करके चुप बैठ जाते हैं.....हम भूल जाते हैं कि ये ज़िन्दगी है..कोई फिल्म नहीं,जहां एक ईमानदार पुलिस वाला आकर देश के सभी भ्रष्टाचारियों को ख़त्म कर देता है...और देश में खुशहाली आ जाती है.....ये तो हमें ही करना होगा...छोटे पैमाने पर ही सही....पर कदम तो उठाने ही होंगे.....
आज ही हमें खुद से वादा करना होगा कि कम से कम हम भ्रष्टाचार में शामिल नहीं होंगे....अपनी तरफ से हमसे जितना हो सकेगा हम भ्रष्टाचार को रोकने का उतना प्रयास जरूर करेंगे....किसी और को सुधारने से कहीं ज्यादा आसान है,स्वयं को सुधारना......कहा गया है...हम सुधरेंगे,युग सुधरेगा....
हर बुराई को हम आम जनता अपने छोटे-छोटे प्रयासों से दूर कर सकते हैं,ऐसा पहले कभी....सोचा न था....
विचारणीय पोस्ट।
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुती मानवता पे आधारित सार्थक विवेचना के लिए धन्यवाद /जब तक हम इन स्वार्थी और भ्रष्ट राजनेताओं को मनमानी करने से नहीं रोकेंगे, देश में स्थिति नहीं बदलेगी / वैकल्पिक मिडिया के रूप में ब्लॉग और ब्लोगर के बारे में आपका क्या ख्याल है ? मैं आपको अपने ब्लॉग पर संसद में दो महीने सिर्फ जनता को प्रश्न पूछने के लिए ,आरक्षित होना चाहिए ,विषय पर अपने बहुमूल्य विचार कम से कम १०० शब्दों में रखने के लिए आमंत्रित करता हूँ / उम्दा देश हित के विचारों को सम्मानित करने की भी वयवस्था है / आशा है आप अपने विचार जरूर व्यक्त करेंगें /
ReplyDeletesahi kaha aapne
ReplyDeletebahut khub kaha aapne....
ReplyDeletewastwikta se kaafi kareeb aapki post..
keep writing..
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mere blog par is baar
इंतज़ार...
jaroor aayein...
http://i555.blogspot.com/
बटरिंग भी तो एक तरह की रिश्वत है, जो सबसे ज्यादा है।
ReplyDeletemakkaron ke bhi din ladenge...
ReplyDeletejaldi hi..
मोरल पुलिसिंग की जरुरत है देश को..
ReplyDeleteविचारोत्तेजक!
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