'कृष्णकुंजी' अश्विन सांघी की लिखी एक बेहतरीन किताब है.ये कहानी है एक ऐसे सीरियल कीलर की जो खुद को कलियुग का कल्कि अवतार मानता है और पाप को मिटाने की कोशिश में एक-एक करके वैज्ञानिकों की हत्या करता जा रहा है.इस पूरी गुत्थी को सुलझाने में ये कहानी एक ऐसा मोड़ लेती है जहाँ कृष्ण के जीवन से जुड़े कई पहलुओं पर खोज अनिवार्य हो जाती है.अश्विन सांघी आपको एक ऐसे सफ़र पर ले जाते हैं जहाँ आप कृष्ण के जीवन के साथ ही भारतीय इतिहास की तह तक पहुँचते हैं.ये किताब आपको एक साथ मर्डर मिस्ट्री,भारतीय इतिहास और कृष्ण के जीवन के कई अनसुने पहलु की ओर ले जाते हैं और ये सारी चीजें एक साथ होने के बाद भी आप कहीं बोझिल महसूस नहीं करते.रहस्य पूरी किताब में बना रहता है और रोचकता हर पन्ने के साथ बढती जाती है.
कृष्ण की अमूल्य धरोहर की
तलाश में कृष्ण के जीवन और भारतीय इतिहास की तह तक जाती खोज और रहस्य से भरी कृष्णकुंजी
एक ऐसी काल्पनिक कहानी है,जो लेखक अश्विन सांघी के रिसर्च और लेखन शैली की वजह से
काल्पनिक कम वास्तविक ज्यादा लगती है.रहस्यों से भरी 'कृष्णकुंजी' कृष्ण के जीवन के कई रहस्य खोलती
है.और हर तरह के पाठकों को लुभाने में कामयाब होने वाली किताब है.
कृष्ण के जीवन के बारे में कई बार पढ़ा है पर उनके जीवन को कोई इस तरह से भी पेश
कर सकता है..सोचा न था....
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (26-04-2015) को "नासमझी के कारण ही किस्मत जाती फूट" (चर्चा अंक-1957) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
धन्यवाद रूपचंद्र जी
Deletesundar
ReplyDeleteधन्यवाद शशि जी
Deleteसुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार...
धन्यवाद
Deleteआपकी समीक्षा ने उत्सुकता जगा दी है इस पुस्तक के प्रति ...
ReplyDeleteआभार ...
धन्यवाद
Deleteलगता है ये सफर किसी तलाश को पूरा करके ही समाप्त होगा
ReplyDeleteउत्सुकता बढाती हुई प्रस्तुति
धन्यवाद
Deleteसुंदर समीक्षा
ReplyDeleteसुन्दर व सार्थक प्रस्तुति..
ReplyDeleteशुभकामनाएँ।
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
आह !! आखिर कुछ तो मिला जिससे असहमत हुआ जा सके. कृष्ण कुंजी (krishna key) महापकाऊ किताबों में से एक. पूरी तरह बिखरी हुई और अतार्किक. इससे ज्यादा अच्छी इनकी रोज़ाबेल लाइन है.
ReplyDeleteअपनी-अपनी पसंद है मुबारक जी..रोज़ाबेल लाइन पढ़ी नहीं है..पढ़कर ज़रूर देखूंगी
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